जाग कांग्रेस जाग 2
1996 और 1998 के लोकसभा में हार के बाद स्व राव और स्व केसरी के हाथों से गुजरते हुए कांग्रेस का नेतृत्व स्व० राजेश पायलट , स्व० माधवराव सिंधिया सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के जिद पूर्ण अनुरोध पर पुनः गांधी परिवार की श्रीमती सोनिया गांधी के पास पहुंच गया। किन्तु श्रीमती गांधी का नेतृत्व भी 1999 के लोकसभा चुनाव में एनडीए और बीजेपी के स्व० वाजपेयी को सत्ता में आने में नहीं रोक पाया। विदेशी मूल के प्रश्न पर श्री शरद पवार और संगमा जैसे प्रबुद्ध कांग्रेस नेता कांग्रेस छोड़ नई पार्टी एनसीपी बना कर कांग्रेस को पहले ही और कमजोर कर चुके थे।
फिर भी सोनिया गांधी ने हिम्मत नहीं हारी उन्होंने निरंतर यात्रायें कर कांग्रेस का जनता के साथ संवाद कायम किया और साथ ही कांग्रेस की एकला चलो की नीति परित्याग कर एनडीए की तर्ज पर छोटे-छोटे बीजेपी विरोधी दलों को जोड़ना शुरू कर दिया। इसी बीच 2002 में गुजरात के गोधरा में रेल सवार हिन्दु कारसेवकों की हत्या और उसके बाद भड़के साम्प्रदायिक दंगे और उससे निपटने में वहां के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की संदिग्ध निरपेक्षता और नाकामी के बावजूद उन्हें पद से नहीं हटाना स्व० वाजपेयी की सेकुलर छवि को जबरदस्त नुकसान पहुंचा गया।
यही वो महत्वपूर्ण कारण बना जिससे 2004 के आम चुनाव में सफलता को लेकर आश्वस्त स्व० वाजपेयी के " शाईनिग इण्डिया" के केम्पेन को "कांग्रेस का हाथ ,आम आदमियों के साथ" ने शिकस्त दे दी । इस तरह अभी तक की एकमात्र अच्छी गैर कांग्रेसी सरकार का पराभव हुआ। प्रधानमंत्री का पद दूसरी बार ठुकरा श्रीमती गांधी त्याग की मूर्ति बनी और कांग्रेस के श्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए (United Progressive Aliance) प्रथम की सरकार बनी जिसकी सफलतायें बहुआयामी रही ।
श्रीमती सोनिया गांधी की नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार समिति की सिफारिश पर सूचना का अधिकार ( RTI) , शिक्षा का अधिकार जैसे ऐतिहासिक एक्ट पास हुए और मनरेगा जैसी रोजगार गारंटी की अनूठी स्कीम लागू की गई। भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार हुआ 2006 में जीडीपी 10.08 के आंकड़े को छू गई थी। 2008 में अपनी सरकार को खतरे में डालकर भी अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण न्यूक्लियर डील करने का श्री मनमोहन सिंह का दबंग अंदाज जनता को काफी भा गया। फलस्वरूप 2009 के आम चुनाव में उनके नेतृत्व में पुनः यूपीए द्वितीय की सरकार पहले से अधिक बहुमत से बन गई ।
किन्तु यूपीए 2 की सरकार अपने पिछली उपलब्धियों को दुहरा नहीं पाई और शीघ्र ही खुदको भ्रष्टाचार के काले बादलों से घिरा पाया । भ्रष्टाचार के कई सही -गलत आरोपों की बाढ़ सी आ गई और गांधी परिवार भी इससे अछूता नहीं रहा । यद्यपि तात्कालीन कैग श्री विनोद राय के गलत व्याख्या पर आधारित रिपोर्ट से भ्रष्टाचार के बहुचर्चित "2 जी" संबंधित जो आरोप लगे वे कालांतर में अदालत में भी गलत साबित हुए पर उस समय कांग्रेस को जबरदस्त आघात पहुंचा गए । इन आरोपों को हवा देने में रही- सही कसर अन्ना हजारे के लोकपाल को लेकर रामलीला मैदान में धरने और अन्नशन ने पूरी कर दी।
लगातार दो हार से पस्त बीजेपी के लिए ये सब सुअवसर के समान था जिसे वह किसी हाल में खो नहीं सकती थी। सोची-समझी नीति के तहत कुछ कारपोरेट और मीडिया हाउस की मदद से एक तरफ श्री मनमोहन सिंह की सरकार को स्वतंत्र भारत के इतिहास भ्रष्टतम सरकार बताया जाने लगा तो दूसरी तरफ गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विकास पुरुष के रूप में छवि गढ़ी जाने लगी । अपने ओजस्वी व प्रखर वक्ता स्व० अरुण जेटली और स्व० सुषमा स्वराज की मदद से बीजेपी संसद के दोनों सदनों में सरकार पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निरंतर हमले करती रही । इन्ही प्रश्नों पर संसद को ठीक से चलने तक नहीं दिया गया किन्तु सरकार पर "नीति पक्षाघात" (Policy paralysis) के आरोप लगाये गये ।
कांग्रेस पार्टी और श्री मनमोहन सिंह सरकार बीजेपी के इन हमलों का तोड़ नहीं ढूंढ पाई यद्यपि इन परिस्थितियों में भी भारत की अर्थव्यवस्था संभली ही रही और खाद्दान सुरक्षा जैसा महत्वपूर्ण अधिनियम पास किया गया ।पर यह काफी नहीं था जनता में एक संदेश जा चुका था और वो अपना मन बना चुकी थी । परिणाम 2014 के आम चुनाव में आया कांग्रेस को अभी तक की सबसे करारी हार मिली और वो 44 सीटों पर सिमट गई। बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए को बहुमत मिला!अच्छे दिन के वादे पर आई श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी । किन्तु जनता के लिये अच्छे दिन चाहे आते या न आते पर कांग्रेस पार्टी के दुर्दिन की शुरुआत तो हो गई!
जारी है( to be continued)
https://www.indianspolitical.com/2020/08/awake-congress-awake-3-3.html
Superb
जवाब देंहटाएं370 pura, ram mandir pura, ekal vivah muslimo me pura,
जवाब देंहटाएंAb border majbuti ka kaam chal rha hai
अपने प्रश्नों के उत्तर के लिए अगले लेख का इंतजार करें!
हटाएंBilkul sahi likha hai apane
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