2024 election results God will decide? 2024 चुनाव परिणाम भगवान् तय करेंगे ?

खंडन - इस लेख में किये गए व्यंग्य, लेख की रोचकता बनाये रखने के लिये ही किया गया । यदि फिर भी किसी  दिल को चोट पहुँचती है तो उसके लिये  Indianspolitical.com खेद व्यक्त करता है।



 



2024  भारत का आम चुनाव समाप्ति पर है एक चरण बचे है जो 1 जून को होगा और परिणाम 4 जून को आयेंगे। इस चुनाव के दरम्यान एक ऐसा खुलासा हुआ जिसने पूरी दुनिया को अचम्भित और विपक्ष को हक्का बक्का कर दिया है। जो लोग मजाक चलाया करते थे  कि भारत भगवान् भरोसे  चल रहा है वे सदमें में हैं। क्योंकि खुलासे से पता चला है कि भगवान् भरोसे नहीं बल्कि भारत को सचमुच में भगवान् द्वारा चलाया जा रहा है। ऐसे में INDIA  की लड़ाई  बीजेपी या  NDA से नहीं वरन् भगवान् और उनके अवतारों से हो रही है। चुनाव परिणाम भी जनता नहीं भगवान और उनके अवतार ही तय करेंगे? 

Ground reality

INDIA गठबंधन के चुनावी सभाओं में जनता की उमड़ती भीड़, बीजेपी की पैतृक संस्था आरएसएस की चुनाव में उदासीनता, मतदान के प्रतिशत में कमी, दिल्ली के गृहमंत्रालय, इनकमटैक्स के दफ्तरों में लगने वाली आग, गिरता हुआ शेयर बाजार,प्रधानमंत्री की बौखलाहट और उनके सड़कछाप भाषण संकेत दे रहे थे कि बीजेपी और  NDA  गठबंधन संकट में है तथा  जनता परिवर्तन को उद्दत है। जब ऐसा लगने लगा कि बीजेपी का 400 पार का नारा जुमला है वास्तव में 200 के लाले पड़ने वाले हैं। ऐसे में इस खुलासे ने स्पष्ट हार को सामने देख रही बीजेपी, NDA और उनके समर्थकों  में नई आशा का संचार कर दिया है अब उन्हें विश्वास हो चला है कि 400 नहीं तो 300 पार कर ही लेंगे। 


God incarnate? 


यह खुलासा ना तो प्रधानमंत्री को विष्णु अवतार बतलाने वाले चंपत राय ने की है , ना ही देवताओं के देवता बतलाने वाले किसी नड्डा ने की है और ना ही भगवान् जगन्नाथ को मोदी भक्त बतलाने वाले किसी संबित पात्रा ने किया है। इसका खुलासा स्वयं प्रधानमंत्री ने गोदी मीडिया पर किया है। उनके अनुसार माता की मृत्यु के बाद मैं आश्वस्त हो गया हूं कि मैंने जैविक रूप से जन्म नहीं लिया है बल्कि मुझे परमात्मा ने धरती पर विशेष कार्यों के लिये भेजा है। उल्लेखनीय है कि हिन्दु धर्म में आंशिक और पूर्ण अवतारों की धारणा पुरानी और सनातनी है। इसलिए 21वीं सदी में भी ऐसी बात की जा रही है तो आश्चर्य नहीं है।  


यह भी सही है कि इतिहास में कई ऐसे महापुरुष हुए हैं जिन्हें जनमानस ने उनके कर्मों को देख अवतार माना है जैसे आदि शंकराचार्य, महात्मा कबीर, महात्मा तुकाराम, महात्मा रविदास  और चैतन्य महाप्रभु आदि। इसी प्रकार कुछ ऐसे लोग भी हुए हैं जिन्होंने  खुद ही अपने आपको भगवान् या अवतार घोषित कर लिया जैसे,  हिरणयकश्यप, हिटलर, आशा राम, बाबा राम रहीम और बाबा बागेश्वर आदि। इन पर यकीन भी किया गया। साबित हुआ कि मूर्ख और मूर्खता इतिहास के किसी कालखण्ड की मोहताज कभी नहीं रही। 

God's Election Commission? 


ऐसे में प्रधानमंत्री भी खुद को अवतार बतला रहे हैं तो गलत थोड़े ही है। खैर! हम जानते हैं जब धरा पर अवतार होता है तब उनकी मदद के लिये कई छोटे छोटे देवता अर्थात सह अवतार भी प्रकट होते हैं। ऐसे ही तीन सह अवतार वर्तमान चुनाव आयोग के रूप में प्रकट हुए हैं, जो बेशर्म पारदर्शिता के साथ सरकार के एक डिपार्टमेंट की तरह काम कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि परमात्मा ने भूमिका तय कर दी है। अवतार चुनाव लड़ेंगे पर उन्हें जिताने की जिम्मेवारी सह अवतार की होगी ? 


Prime Minister's panic


धरती पर जब अवतार प्रकट होते हैं तो कुछ मानवोचित  अवगुण उनपर भी हावी हो जाते हैं।  कहते हैं जब माँ सीता धरती में समा गई थी तो भगवान राम को भी धरती पर क्रोध आ गया था और उन्होंने  धरती को दण्डित करने  हेतु धनुषबाण उठा लिया था। लोगों ने याद दिलाया आप तो भगवान हैं, अवतारी हैं तब वो शांत हुए थे। हमारे अवतारी प्रधानमंत्री भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। विशेषतया कांग्रेस के घोषणा पत्र की लोकप्रियता ने उन्हें इतना बौखला दिया वो अपनी "मोदी की गारंटी" वाली घोषणा पत्र भूल कांग्रेस की घोषणापत्र की ऐसी तैसी करने में उतर गये। इस क्रम में उनकी भाषा सड़क छाप हो गई। यथा


कांग्रेस का घोषणा पत्र मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र है। कांग्रेस सत्ता में आई तो आपके गहने छीनकर ज्यादा बच्चा पैदा करने वालों को दे देगी। आपका मंगलसूत्र भी सुरक्षित नहीं रहेगा वो भी घुसपैठियों को दे देगी। आपकी भैंस भी छीन कर उन्हें दे देगी। आपका आरक्षण छीन मुसलमानों को दे देगी। कांग्रेस सत्ता में आई तो राम मंदिर में  बाबरी ताला लगा देगी। कमाल तो ये है कांग्रेस के घोषणा पत्र में मुसलमान और इन बेतुकी बातों का रत्ती भर जिक्र नहीं है।


फिर भी अवतारी प्रधानमंत्री के मिथ्यावचन और हिन्दु मुस्लिम विभाजनकारी वक्तव्य चुनाव के चरण दर चरण जारी रहे। विपक्ष पर नल की टोंटी खोल ले जाने के आरोप से संतुष्टि नहीं मिली तो उनसे कथित वोटबैंक  के सामने मुजरा करवा दिया। जिन लोगों को भारत के प्रधानमंत्री  वो भी अवतारी की ऐसी भाषा सुन दु:ख हो रहा है वे निराश ना हो युग का असर कदाचित अवतारों पर भी पड़ता है। ये कलयुग का प्रभाव है।

Spineless election commission

कायदे से ऐसे भाषण देने पर 6 सालों तक चुनाव लड़ने पर  प्रतिबंध लग जाने चाहिए। 1987 में स्व० बालठाकरे पर इससे कमतर भड़काऊ भाषण देने पर 6 साल तक चुनाव लड़ने और वोट डालने तक पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। बाल ठाकरे ने  सिर्फ इतना कहा था कि 'हम हिंदुओं की रक्षा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. हमें मुस्लिम वोटों की चिंता नहीं है. ये देश हिंदुओं का था और हिंदुओं का ही रहेगा'। इसी आधार पर हाई कोर्ट ने विलेपार्ले सीट के परिणाम तक को रद्द कर दिया था। यहाँ चुनाव आयोग प्रतिबंध की बात तो दूर नोटिस तक नहीं भेज पाया। कैसे भेजता? सह अवतारों का काम अवतार की मदद करना है ना कि नोटिस भेजना? बात करते हैं!

Sh Shameless action  Election CommissionShameless action चुनाव के हर चरण में गड़बड़ी, धांधली, पक्षपात के आरोप लगते रहे। यथा त्रिपुरा के एक बूथ पर 100% से अधिक मतदान हो जाना, केरल के बूथ पर इवीएम के मशीन पर कोई बटन दबाने पर बीजेपी को ही वोट जाना, मध्य प्रदेश के स्ट्रांग रूम से घंटो सीसीटीवी का ऑफ हो जाना, एक लड़के द्वारा लगातार बीजेपी को आठ वोट डालने का वीडियो जारी होना, देश के कई बूथों पर इवीएम का खराब हो जाना, कई बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं को वोट देने से रोके जाना तथा विपक्ष के समर्थन वाली बूथों पर मतदान को धीमा रखने आदि  शिकायतें आती रही। विपक्ष ने आवाज उठाई तो पर चुनाव आयोग इन शिकायतों पर प्राय: मौन रहा । हर चरण के मतदान के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की परम्परा का भी चुनाव आयोग ने   त्याग कर दिया।

Extra 2ab case

विपक्ष की परेशानी का सबब इन शिकायतों से अधिक चुनाव आयोग द्वारा आकंड़ों को जारी करने में देर और अंधेर को लेकर है। अमूमन मतदान के पूरे और अन्तिम आंकड़े 24 घंटे में चुनाव आयोग दे देता था। यह उस जमाने में भी होता था जब कम्प्यूटर भी नहीं था। परन्तु इसबार  पहले चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े  देने में ही 11 दिन लगा दिये बाकि के चरणों में भी 4 से 6 दिन ले लिये। आंकड़े भी अधूरे  वो भी सिर्फ प्रतिशत में! सबसे आश्चर्य की बात मतदान के इस अंतिम आंकड़े में लगभग कुल वृद्धि 6 प्रतिशत की हो गई।  पांच चरणों के मतदान में शाम 7 बजे के बाद एक करोड़ 7 लाख वोट बढ़ गए? जबकि इस तरह की वृद्धि का अभी तक का इतिहास 0.5 से 1.5% का रहा है। इतना प्रतिशत कैसे बढ़ा उसे लेकर विपक्ष उतना ही परेशान है जितना कभी प्रधानमंत्री (a + b)2 = a2 + 2ab + b2 में एक्सट्रा  2ab कहां से आ गया उसे लेकर परेशान थे। 

 

ADR  सहित अन्य संस्थायें एक्सट्रा  2ab अर्थात बढ़े और सिर्फ प्रतिशत वाले आंकड़े का खुलासा करवाने हेतु फॉर्म 17 C को सार्वजनिक करवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।उल्लेखनीय  है कि आंकड़ा ना जारी करने पर बीजेपी  चुनाव आयोग के साथ खड़ी रही इसका मतलब क्या हो सकता है? मैं ना बतलाऊंगा!  खुद समझिये। सुप्रीम कोर्ट ने मामला गर्मी छुटटी के बाद तक के लिए टाल दिया। सह अवतार  सुप्रीम कोर्ट में ना हो ऐसी नियमावली परमात्मा ने नहीं बनाई। इसलिये जिसने यंत्र ( EVM)  को बचाया था उसीसे तंत्र को भी राहत मिल गई। भारत में परमात्मा का राज्य स्थापित करने में सुप्रीम कोर्ट का योगदान सुप्रीम रहा है। 


सुप्रीम कोर्ट की निर्णय के एक दिन बाद ही चुनाव आयोग ने 5 चरणों का आंकड़ा जारी कर सबको चौंका दिया। कदाचित उसे डर हुआ कि जनता चुनाव परिणाम के औचित्य पर शक ना करने लगे और कहीं सड़क पर ना उतर जाये। वैसे परमात्मा ने पहले ही जेड प्लस सुरक्षा (पहली बार) चुनाव आयोग को प्रदान कर उसे हर करतूतों से उत्पन्न डर को कम करने की व्यवस्था कर दी है। आंकड़ा जारी तो हो गया पर एक्सट्रा  2ab  का मामला रह ही गया। विपक्ष की उम्मीद इसी पर टिकी है कि उसके मत एक्सट्रा  2ab  से पार कर पाते हैं कि नहीं।


चुनाव आयोग के रवैये और मतगणना में गड़बड़ी की आशंका से परेशान विपक्ष यदि एक्सट्रा  2ab को अच्छी तरह पार कर लेता है तो INDIA  की सरकार बनेगी और संविधान और लोकतंत्र की रक्षा हो सकेगी। यदि  ऐसा नहीं हुआ तो देश का शासन,  हर बंधन मुक्त  परमात्मा के अवतार ही चलायेंगे । संविधान, न्याय अन्याय, अधिकार कर्त्तव्य सब परमात्मा ही तय करेंगे। विरोध के हर स्वर को अब देशद्रोही नहीं ईश्वर द्रोह माना जायेगा। विपक्ष की जगह जेल में होगी। देश में लोकतंत्र, परलोकतंत्र में परिवर्तित हो जायेगा। लेकिन सर, ये तानाशाही है ? चुप अर्बन नक्सल! 


भारत की धरती पर ही स्वर्ग  होगा। ऊपर इन्दर नीचे नरेन्दर। महाराजा युधिष्ठिर जीवित स्वर्ग जाने वाले इकलौते व्यक्ति माने जाते हैं पर इसके लिये भी उन्हें हिमालय के रास्ते जाना पड़ा था। यहां तो बैठे बैठे ही एक अरब चालीस करोड़ को जीवित स्वर्गवासी होने का अहसास व गौरव हासिल होगा। 

टनटनाटन  Delux Reverse Cozy गर्मी में भी दे ठंडी का अहसास।

                       जय हिन्द। 












 
















Parimal

Most non -offendable sarcastic human alive! Post Graduate in Political Science. Stay tuned for Unbiased Articles on Indian Politics.

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